रेलवे प्रशासन :- कृपया भ्रामक खबर और अफवाह फैलाने वाले तत्वों से सावधान रहें !
मुजफ्फरपुर स्टेशन निर्माणधीन |
मुजफ्फरपुर:- जंक्शन को विश्वस्तरीय यात्री सुविधाओं के साथ विकसित करने की परियोजना के तहत मुख्य सर्कुलेटिंग एरिया में एक एलिवेटेड रोड का निर्माण किया जा रहा है ताकि यहाँ से ट्रेन में चढ़ने वाले यात्री सीधा 72 मीटर चौड़ाई वाले एयर कान्कोर्स में पहुँच सकें और वहां अपनी ट्रेन की प्रतीक्षा करें. इस एलिवेटेड रोड के एलाइनमेंट में 02 छोटे मंदिर आ रहे थे जिन्हें शिफ्ट किये बिना निर्माण संभव नहीं था. इन मंदिरों को शिफ्ट करने हेतु सभी सम्बंधित पक्षों की सहमति और सहयोग प्राप्त करने हेतु परियोजना की शुरुआत से ही, पिछले दो वर्षों के दौरान, लगातार प्रयास किये गए और रेलवे प्रशासन के साथ एवं स्थानीय गणमान्य व्यक्तियों के स्तर पर उनकी बैठकें आयोजित की गयीं. इसके बाद अनुमंडल पदाधिकारी / मुजफ्फरपुर (पूर्वी) के कक्ष में दिनांक 24 जून 2024 को एक औपचारिक बैठक बुलाई गयी जिसमे सभी पक्षों को नोटिस जारी कर बुलाया गया. इस बैठक में उपस्थित दोनों मंदिरों के कर्ता-धर्ता एवं अन्य सभी पक्षों से बातचीत में यह तय किया गया कि दोनों मंदिरों को वहाँ पास में ही स्थित एक अन्य मंदिर की बगल में उपलब्ध स्थान पर नवनिर्माण कर दिया जाय. इस बैठक के तुरंत बाद सभी ने प्रस्तावित स्थल का संयुक्त निरीक्षण कर इसपर अपनी सहमति व्यक्त की. प्रस्तावित स्थल पर जो भी खाली पड़ी भूमि थी.
नया मंदिर-निर्माण
उसका इस्तेमाल करते हुए नए मंदिर का नक्शा फाइनल किया गया और तत्पश्चात निर्माण कार्य आरम्भ हुआ. दिसम्बर 2024 में जब नया मंदिर-निर्माण पूर्ण हो गया तब इसमें प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम हेतु बसंतपंचमी (03 फरवरी 2025) का दिन तय किया गया, लेकिन उस दिन मंदिरों के कर्ता-धर्ता द्वारा कुछ कमियां इंगित की गयीं. इन बिन्दुओं पर काम पूरा करके फिर महाशिवरात्रि (26 फरवरी 2025) का दिन तय किया गया. बहरहाल, इस बार भी इनके द्वारा कुछ नई मांग की गयी जिन्हें पूरा करके दिनांक 10 मार्च 2025 की अगली तिथि तय की गयी. रेल विभाग के स्थानीय पदाधिकारियों ने काशी से भी एक प्रकांड पंडित जी को अनुरोध कर उनसे इस प्रक्रिया हेतु मदद ली. उल्लेखनीय है कि विख्यात काशी कॉरिडोर के निर्माण में भी इन पंडित जी की भूमिका रही है. तदनुसार दिनांक 10 मार्च 2025 (सोमवार) के दिन पूरे विधि-विधान के साथ नए मंदिरों में नई मूर्तियों की प्राण-प्रतिष्ठा की गयी और तत्पश्चात पुराने मंदिर में स्थित मूर्तियों को सम्मानपूर्वक ले जाकर विसर्जित किया गया और भवन संरचना को विघटित किया गया. यह सारी प्रक्रिया मजिस्ट्रेट, स्थानीय पुलिस-प्रशासन और अन्य पदाधिकारियों की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ और सम्बंधित धर्मावलम्बी आमजन की आस्था और भावनाओं का पूरा ध्यान रखा गया है.
वर्तमान में नए मंदिर में विधिपूर्वक नियमित पूजा-अर्चना हो रही है. अब केवल वे लोग जो मुजफ्फरपुर स्टेशन के विकास से प्रसन्न नहीं हैं अपने निहित स्वार्थवश भ्रामक खबरें और अफवाह फैलाकर लोगों की भावनाएं भड़काने की कोशिश कर रहे हैं।
रेलवे प्रशासन आमजन से अपील करता है कि किसी भी प्रकार की अफवाहों से बचें और मुजफ्फरपुर स्टेशन के विकास कार्यों में सहयोग करें ।
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