अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा, मैक्सिको और चीन पर नए व्यापारिक शुल्क लगाने का एलान किया है!
जिससे इन देशों के साथ व्यापारिक संबंधों में असर पड़ सकता है। ट्रंप का मानना है कि इससे अमेरिका को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में मजबूती मिलेगी, लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार, इससे महंगाई और वैश्विक व्यापार में अस्थिरता बढ़ सकती है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को कनाडा
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को कनाडा, मैक्सिको और चीन पर नए व्यापारिक शुल्क (टैरिफ) लगाने का एलान किया है। ये तीनों देश अमेरिका के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार हैं। ट्रंप के एलान के बाद इन देशों के साथ अमेरिका के व्यापारिक संबंधों पर असर पड़ सकता है। ट्रंप का मानना है कि यह 25 फीसदी शुल्क अमेरिका की ताकत को दिखाएगा और उसे दुनिया के बाकी देशों के मुकाबले प्रतिस्पर्धा में सबसे मजबूत बनाएगा।
ट्रंप ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, आप देख सकते हैं कि टैरिफ की क्या ताकत होती है। कोई भी हमारे साथ प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकता, क्योंकि हमारे पास सबसे बड़ा 'पिग्गी बैंक' (मुहावरा) है। राष्ट्रपति ट्रंप को उम्मीद है कि उनके इस फैसले से महंगाी नहीं बढेगी, वैश्विक अर्थव्यवस्था पर बुरा असर नहीं पड़ेगा और लोग नाराज नहीं होंगे। एक सर्वेक्षण में पाया गया कि अमेरिका में टैरिफ को लेकर लोगों की मिली-जुली राय है।
कनाडा और मैक्सिको ट्रंप के साथ
अगर कनाडा और मैक्सिको ट्रंप के साथ अवैध आप्रवासन और फेंटेनल तस्करी को लेकर कोई समझौता कर लें, तो यह हो सकता है कि ये टैरिफ लंबे समय तक न चलें। ट्रंप का चीन के खिलाफ कदम फेंटेनल (एक ड्रग) की तस्करी से जुड़ा हुआ है। इसके अलावा, यह कदम पहले से लगाए गए आयात शुल्कों में और बढ़ोतरी करने जैसा है।
ट्रंप ने 2024 के चुनाव में जो वादे
ट्रंप ने 2024 के चुनाव में जो वादे किए थे, उन्हें पूरा कर रहे हैं, जो उनके आर्थिक और सुरक्षा दृष्टिकोण का अहम हिस्सा हैं। हालांकि, ट्रंप के कुछ समर्थकों ने पहले कहा था कि उच्च आयात शुल्क सिर्फ एक तरीका है, जिससे ट्रंप दूसरे देशों के साथ वार्ता करके अच्छे समझौते हासिल कर सकें। ये एक रणनीति है, न कि स्थायी शुल्क।
ट्रंप के इस कदम का कनाडा और मैक्सिको ने विरोध किया। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि यदि जरूरी हुआ तो वे भी जवाबी टैरिफ लगा सकते हैं। मैक्सिको के राष्ट्रपति क्लाउडिया शिनबाम ने कहा कि उनका देश इसके लिए तैयार है और किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए उनके पास योजना है। इसके फैसले के परिणामस्वरूप अमेरिकी वित्तीय बाजारों में भी गिरावट आई है। विशेषज्ञों के मुताबिक, यदि ये टैरिफ लंबे समय तक जारी रहे तो वैश्विक व्यापार में अस्थिरता और महंगाई बढ़ सकती है।