तीर्थ क्षेत्र में पांच से 10 लाख श्रद्धालु आ रहे हैं। रहने खाने और सुरक्षा के तमाम इंतजाम प्रशासन ने किए, लेकिन वह सब नाकाफी साबित हो रहे हैं। इसका फायदा स्थानीय दुकानदार उठा रहे हैं।
प्रयागराज महाकुंभ आई श्रद्धालुओं की भीड़ देख दुकानदारों ने खाने-पीने की चीजों के दाम चार गुना कर दिए। धर्मशाला के कमरों का किराया दस गुना ज्यादा बढ़ा दिया। थके-हारे श्रद्धालु मजबूरी में सौ रुपये वाली थाली चार सौ रुपये में खाने को मजबूर हैं।
धर्मशाला में एक कमरा 4000 का मिला
मौनी अमावस्या से तीर्थ क्षेत्र में पांच से 10 लाख श्रद्धालु आ रहे हैं। रहने खाने और सुरक्षा के तमाम इंतजाम प्रशासन ने किए, लेकिन वह सब नाकाफी साबित हो रहे हैं। इसका फायदा स्थानीय दुकानदार उठा रहे हैं। जबलपुर से आये श्रीकेशन तिवारी ने बताया कि 30 जनवरी को वह पत्नी व दो छोटे बच्चों के साथ प्रयागराज से किसी तरह चित्रकूट पहुंचे तो एक धर्मशाला में एक कमरे के लिए उनसे पांच हजार रुपये मांगा गया। सभी थके हारे थे सौदा कर किसी तरह चार हजार रुपये में एक कमरा ले लिया। ढाबे व दुकानों पर रात आठ बजे से ही भोजन खत्म बता दिया जा रहा है। महाराष्ट्र के शोलापुर से आये तीर्थ यात्रियों की एक मिनी बस बेडी पुलिया से कर्वी के बीच एक होटल में रूकी। सभी भूखे थे। यात्री हर्ष वानखड़े व दिव्यांशी त्रिपाठी ने बताया कि प्रति व्यक्ति चार सौ रुपये में एक थाली का भोजन का भुगतान किया है।
मौनी अमावस्या से तीर्थ क्षेत्र में पांच से 10 लाख श्रद्धालु आ रहे हैं। रहने खाने और सुरक्षा के तमाम इंतजाम प्रशासन ने किए, लेकिन वह सब नाकाफी साबित हो रहे हैं। इसका फायदा स्थानीय दुकानदार उठा रहे हैं। जबलपुर से आये श्रीकेशन तिवारी ने बताया कि 30 जनवरी को वह पत्नी व दो छोटे बच्चों के साथ प्रयागराज से किसी तरह चित्रकूट पहुंचे तो एक धर्मशाला में एक कमरे के लिए उनसे पांच हजार रुपये मांगा गया। सभी थके हारे थे सौदा कर किसी तरह चार हजार रुपये में एक कमरा ले लिया। ढाबे व दुकानों पर रात आठ बजे से ही भोजन खत्म बता दिया जा रहा है। महाराष्ट्र के शोलापुर से आये तीर्थ यात्रियों की एक मिनी बस बेडी पुलिया से कर्वी के बीच एक होटल में रूकी। सभी भूखे थे। यात्री हर्ष वानखड़े व दिव्यांशी त्रिपाठी ने बताया कि प्रति व्यक्ति चार सौ रुपये में एक थाली का भोजन का भुगतान किया है।