धनबाद मंडल की ‘मंडल संसदीय समिति‘ की बैठक का आयोजन धनबाद मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय के सभाकक्ष में किया गया । इस बैठक में धनबाद मंडल क्षेत्राधिकार के माननीय सांसदगण उपस्थित थे । बैठक की अध्यक्षता माननीय सांसद विष्णु दयाल राम जी द्वारा किया गया ।
रेल कोच रेस्टुरेंट भी खोला
इसके पूर्व बैठक के प्रारंभ में महाप्रबंधक छत्रसाल सिंह ने माननीय सांसदगण एवं सांसद प्रतिनिधियों का स्वागत किया । महाप्रबंधक ने अपने स्वागत संबोधन में कहा कि धनबाद मंडल द्वारा यात्री सुविधा की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। महाप्रबंधक ने कहा कि धनबाद मंडल भारतीय रेल में माल लदान में महत्वपूर्ण स्थान रखता है एवं वर्तमान वित्तीय वर्ष में भी धनबाद मंडल द्वारा माल लदान एवं इससे प्राप्त आय में भारतीय रेल के सभी मंडलों में प्रथम स्थान प्राप्त करने का गौरव हासिल हुआ है । महाप्रबंधक ने माननीय सांसदों को अवगत कराया कि इस वर्ष में यात्री सुविधा के क्षेत्र में कार्य करते हुए 03 स्टेशनों पर उपरगामी पुल का निर्माण, 05 स्टेशनों के प्लेटफार्म का विस्तार का कार्य पूरा किया गया है । इसी तरह 08 स्टेशनों पर दिव्यांग शैचालय की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है । धनबाद स्टेशन पर रेल कोच रेस्टुरेंट भी खोला गया । अनारक्षित टिकट आसानी से प्राप्त हो सके इसके लिए रेणुकूट, चोपन तथा बरकाकाना में दो-दो एटीवीएम का प्रावधान किया गया । यात्रियों की सुविधा के लिए विशेष साप्ताहिक ट्रेन कायंबटूर के लिए तथा जम्मूतवी एवं नासिक रोड के लिए द्विसाप्ताहिक ट्रेन का परिचालन किया गया ।
रांची के लिए इंटरसिटी का परिचालन
न्यू गिरीडीह से रांची के लिए इंटरसिटी का परिचालन प्रारंभ किया गया जिसका मार्ग विस्तार अब मधुपुर तक कर दिया गया है । अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत् प्रारंभिक चरण में 15 स्टेशनों का चयन किया गया है जिसका कार्य विभिन्न चरणों में है । एक स्टेशन एक उत्पाद के तहत् 26 स्टेशनों पर स्टॉल/ट्रॉली लगाए गए हैं जिससे क्षेत्र के हस्तशिल्पियों एवं स्थानीय उत्पाद को उत्सावर्धन तथा उत्पाद को एक बेहतर बाजार मिल रहा है । माननीय सांसदों ने अपने क्षेत्र में ट्रेनों के ठहराव, नई रेल परियोजनओं की अद्यतन स्थिति की जानकारी मांगी, जिससे महाप्रबंधका द्वारा माननीय सांसद को अवगत कराया गया ।महाप्रबन्धक ने माननीय सांसदों से प्राप्त बहुमूल्य सुझावों के लिये आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह सुझाव हमें भविष्य में रेल विकास कार्यों की रूप-रेखा तय करने में काफी सहायक सिद्ध होगा ।