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कटरा और श्रीनगर के बीच जल्द चलेगी जम्मू-श्रीनगर वंदे भारत एक्सप्रेस

कटरा और श्रीनगर के बीच जल्द चलेगी जम्मू-श्रीनगर वंदे भारत एक्सप्रेस, जम्मू को कश्मीर घाटी से जोड़ने वाले 111 किमी लंबे कटरा-बनिहाल खंड पर अंतिम निरीक्षण शुरू

Jammu-Srinagar Vande Bharat Express will soon run between Katra and Srinagar
Kashmir

8 कोचों वाली विशेष रूप से डिजाइन की गई जम्मू श्रीनगर वंदे भारत, यात्रियों को आरामदायक यात्रा और प्रतिकूल मौसम की स्थिति में भी ड्राइवरों को बेहतर दृश्य प्रदान करने के लिए एंटी-फ्रीजिंग सुविधाओं से लैस है


जम्मू और श्रीनगर के बीच की दूरी जल्द ही कम हो जाएगी, क्योंकि उनके बीच की यात्रा का समय केवल तीन घंटे दस मिनट होगा। नवनिर्मित जम्मू संभाग में 111 किलोमीटर लंबे बनिहाल-कटरा खंड पर अंतिम सुरक्षा निरीक्षण शुरू गया है। इसके साथ ही रेल यात्री इस वर्ष के अंत से इस मार्ग पर एक विश्व स्तरीय यात्रा का अनुभव करने की उम्मीद कर सकते हैं, क्योंकि जम्मू स्टेशन को 8 प्लेटफार्म और आधुनिक सुविधाएं से सुसज्जित करने के लिए इसका पुनर्विकास किया जा रहा है। हालांकि कटरा से श्रीनगर के बीच 8 कोच वाली जम्मू श्रीनगर वंदे भारत एक्सप्रेस जल्द ही चलने लगेगी। इस बदलाव के साथ ही, कश्मीर घाटी और जम्मू के बीच रेल संपर्क का लंबा इंतजार खत्म हो जाएगा। बनिहाल-कटरा खंड का पूरा होना एक इंजीनियरिंग चमत्कार है, जिसमें 97 किलोमीटर की लंबाई सुरंग है और 7 किलोमीटर की दूरी 4 मुख्य पुलों द्वारा तय की गई है।

Jammu-Srinagar Vande Bharat Express will soon run between Katra and Srinagar
Jammu & Kashmir Train Route

परियोजना में सबसे कठिन चुनौती चिनाब नदी पर विश्व के सबसे ऊंचे आर्क ब्रिज (यानी 359 मीटर) को नींव को मज़बूती देना था। इसे 30,000 टन स्टील का उपयोग करके रॉक बोल्टिंग विधि द्वारा हासिल किया गया। दूसरी बड़ी चुनौती अंजी नदी पर भारत का पहला केबल स्टे ब्रिज बनाना था। इस खंड पर दो अन्य पुल रियासी ब्रिज और बक्कल ब्रिज हैं।


परियोजना को क्रियान्वित करते वक्त, रेलवे इंजीनियरों ने सुरक्षा चिंताओं को दूर करने और मुख्य तथा 67 किलोमीटर लंबी एस्केप सुरंगों को मज़बूती देने के लिए, पारंपरिक सुरंग बनाने की विधि के स्थान पर हिमालयी सुरंग बनाने की तकनीक का आविष्कार किया। सुरंगों में पूरी तरह से गिट्टी रहित ट्रैक है, जैसा कि बिना जोड़ वाले मेट्रो ट्रैक पर उपयोग किया जाता है।


 उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक (यूएसबीआरएल) परियोजना के इस खंड में सबसे लंबी सुरंग यानी टी50 12.77 किलोमीटर लंबी है। सुरक्षा और परिचालन डेटा पर नज़र रखने के लिए सुरंगों में हर 50 मीटर पर कैमरे लगाए गए हैं। ये कैमरे अत्याधुनिक केंद्रीय नियंत्रण कक्ष से जुड़े हैं। रेलवे ने परियोजना स्थलों तक पहुंचने के लिए क्षेत्र में 215 किलोमीटर लंबी सड़कें भी बनाई हैं, जिससे स्थानीय लोगों को लाभ हो रहा है।


जम्मू-श्रीनगर वंदे भारत ट्रेन को खास तौर पर एंटी-फ्रीजिंग सुविधाओं के साथ डिजाइन किया गया है। बर्फ हटाने वाली ट्रेन, यात्री और मालगाड़ियों से आगे बढ़ते हुए यह सुनिश्चित करेगी कि इस रणनीतिक मार्ग पर ट्रेनें पूरे साल, दिन और रात चलती रहें। इससे दोनों क्षेत्रों के बीच हर मौसम में संपर्क सुनिश्चित हो पाएगा। यात्रियों को आरामदायक और सुरक्षित यात्रा का अनुभव देने के लिए, रेलवे ने परियोजना में एंटी-वाइब्रेशन भूकंपीय उपकरणों का उपयोग किया है, क्योंकि यह क्षेत्र संवेदनशीलता के लिहाज़ से जोन-V भूकंप की श्रेणी में आता है। ये डैम्पर्स हिमालयी इलाके में झटकों को सहने में सक्षम हैं और इनकी वजह से यात्रियों का सफर तेज़ रफ्तार वाला और सुरक्षित हो सकेगा।


कश्मीर में चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस देशभर में चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस से अलग है। इसे खासकर अत्यधिक ठंड की स्थिति में, यानी -20 डिग्री सेल्सियस तक में आसानी से संचालित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यात्रियों और ड्राइवरों के लिए आरामदायक माहौल सुनिश्चित करने के लिए, ट्रेन आधुनिक हीटिंग सिस्टम से सुसज्जित है। ड्राइवर के केबिन में फॉगिंग या जमने से बचाने के लिए गर्म विंडशील्ड की सुविधा रखी गई है, जिससे अत्यधिक तापमान में स्पष्ट दृश्यता सुनिश्चित होती है। इसके अलावा ट्रेन में पानी को जमने से रोकने के लिए प्लंबिंग और बायो-टॉयलेट में हीटिंग व्यवस्था की गई है, ताकि ठंड के मौसम में ज़रुरी व्यवस्था और सुविधाएं बदस्तूर जारी रहें।


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